Kalratri – कालरात्रि ― मंत्र, जाप, ध्यान, प्रार्थना, स्तोत्र, कवच ― In this post some religious information about Goddess Kalratri has been published along with Goddess Kalratri Mantra, Prarthana, Japa, Dhyan, Stotra and Kavach.
कालरात्रि ― इस पोस्ट में कालरात्रि मंत्र, ध्यान मंत्र, जाप मंत्र, प्रार्थना मंत्र, कवच, स्तोत्र के साथ-साथ कालरात्रि माता के बारे में कुछ धार्मिक जानकारी भी प्रकाशित की गई है.
नमस्कार, स्वागत है आप सबका आप सबके अपने वेबसाइट dharm.info पर. कालरात्रि माता दुष्टों और राक्षसों के लिए तो संहारक हैं परन्तु अपने बच्चों और भक्तों के लिए तो अत्यंत ही दयालु हैं.
सबसे पहले हम सब कालरात्रि माता के बारे में कुछ धार्मिक बातों को जान लेतें हैं.
कालरात्रि (Kalratri)

माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति स्वरुप कालरात्रि माता है. नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता की पूजा आराधना की जाती है.
कालरात्रि माता का रूप अत्यंत ही भयानक है. समस्त नकारात्मक शक्तियाँ माता के इस रूप को देखते ही भाग जाती हैं. माता का यह रूप नकारात्मक शक्तियों के लिए विनाशक है. अपने भक्तों के लिए माता का यह रूप अत्यंत ही शुभ और पावन है. कालरात्रि माता को शुभंकारी भी कहा जाता है.
माता अपने भक्तों पर अत्यंत ही दयालु हैं समस्त नकारात्मक शक्तियों से माता अपने भक्तों की रक्षा करतीं हैं.
कालरात्रि माता के शरीर का रंग एक दम काला है. इनकी बालें बिखरी हुईं हैं. इनकी स्वांस से ज्वाला निकलती है. माता के गले में विद्द्युत के सामान चमकने वाली माला है.
माता के तिन नेत्र हैं. इन नेत्रों से विद्दयुत के सामान किरणें निकलती रहतीं हैं. इनका वाहन गदर्भ है. माता की चार भुजा हैं.
कालरात्रि माता से भक्तों को किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. माता कालरात्रि दुष्टों का विनाश करतीं हैं. इनके स्मरण मात्र से समस्त नकारात्मक शक्तियाँ भाग जातीं है.
जो कोई भी सच्चे ह्रदय से कालरात्रि माता की आराधना और स्तुति करता है, माता की कृपा से उसे भय कभी भी नहीं सताता है. उसके आत्मबल में बृद्धि हो जाती है.
कालरात्रि माता की स्तुति मनुष्य को ग्रह बाधाओं से भी रक्षा करती है. शनि ग्रह पर कालरात्रि माता का प्रभाव है.
Kalratri Mantra (कालरात्रि मंत्र)

निचे दिए गए कालरात्रि मंत्र माँ कालरात्रि की आराधना का मूल मंत्र है. 108 बार या 1008 बार जाप करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है.
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥
कालरात्रि प्रार्थना मंत्र
यहाँ दिए गए कालरात्रि प्रार्थना मंत्र के माध्यम से आप सब माँ कालरात्रि से अपने, अपने परिवार, समाज, देश और इस संसार के कल्याण के लिये प्रार्थना करें.
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
Kalratri Stuti Mantra | कालरात्रि स्तुति मंत्र
यहाँ दिया गया माँ कालरात्रि स्तुति मंत्र अत्यंत ही शिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है. इस मंत्र के पाठ से साधक को माँ कालरात्रि की परम कृपा की प्राप्ति होती है.
उस साधक के ह्रदय से भय का नाश होता है. उस साधक के आत्मबल में बृद्धि होती है.
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
कालरात्रि माता ध्यान मंत्र
यहाँ दिए गए मंत्र के पाठ के साथ आप सब माँ कालरात्रि का अपने ह्रदय में ध्यान करें.
करालवन्दना घोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।
कालरात्रिम् करालिंका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम्॥
दिव्यम् लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्।
अभयम् वरदाम् चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम्॥
महामेघ प्रभाम् श्यामाम् तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥
सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।
एवम् सचियन्तयेत् कालरात्रिम् सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥
Kalratri Stotra | कालरात्रि स्तोत्र

यहाँ दिया गया कालरात्रि माता की आराधना का स्तोत्र अत्यंत ही सिद्ध और शक्तिशाली स्तोत्र है. सम्पूर्ण श्रद्धा और पवित्रता के साथ इस कालरात्रि स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत ही मंगलकारी होता है.
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
कालरात्रि कवच मंत्र
नकारात्मक शक्तियों और दुर्भाग्य से अगर कोई साधक अपनी रक्षा चाहता है. तो इस कालरात्रि कवच मंत्र का पाठ करना उसके लिये शुभ हो सकता है.
इस कालरात्रि कवच मंत्र के पाठ से साधक की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है.
ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पादौ श्रीकालरात्रि।
ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।
कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी॥
वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।
तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥
कालरात्रि माता की आरती – Kaalratri Mata Ki Aarti
कालरात्रि माता की आरती इस साईट पर पहले से ही प्रकाशित है. ऊपर दिए गए लिंक पर क्लीक करके आप उस पेज पर जा सकतें हैं.
कालरात्रि माता कथा
यहाँ हम कालरात्रि माता कथा का विडियो दे रहें हैं. इस विडियो को आप सब अवश्य देखें.
नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता के स्वरुप की पूजा की जाती है.
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माँ दुर्गा की परम कृपा आप सब पर बनी रहे. जय माँ दुर्गा.
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